मनमोहन प्रधानमंत्री तो हैं लेकिन नेता नहीं: सुषमा

नई दिल्ली(वार्ता) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) दो सरकार के चार साल के जश्न के रंग में भंग डालते हुए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज कहा कि देश में कमजोर मुखिया का नेतृत्व है जिससे चौतरफा निराशा का माहौल है ऐसे में सरकार किस बात का जश्न मना रही है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कमजोर नेतृत्व के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री तो हैं लेकिन नेता नहीं।

सुषमा ने कहा कि पीएम दाम बढ़ाते हैं और सोनिया उसे कम कराती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और पार्टी के बीच एक दूसरे पर हावी होने की होड़ है जिससे देश के अनिष्ट के अलावा और कुछ नहीं हो रहा। प्रधानमंत्री मजबूत होकर कोई निर्णय नहीं ले पाते। सरकार जो निर्णय लेती है पार्टी उसमें हेर फेर करा देती है। उन्होंने कहा कि अब यह परंपरा बन गई है कि सरकार कोई निर्णय करे तो कांग्रेस अध्यक्ष लोगों को राहत के नाम पर वाहवाही लूटने के लिए उसमें कुछ फेरबदल करा देती हैं। उन्होंने कहा कि इस बंटे हुए नेतृत्व के कारण देश में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में सरकार किस बात का जश्न मना रही है।

स्वराज ने कहा कि सरकार किस बात का जश्न मना रही है आम आदमी को त्रास का या उसके साथ किये गए विश्वासघात का या फिर निराशा के माहौल की। जेटली ने कहा कि समूचे देश में नकारात्मक और निराशा का माहौल है। संप्रग के शासन में प्रधानमंत्री पद इतना छोटा और बौना हो गया है कि इससे पहले इसका कोई उदाहरण नहीं दिखाई देता। राजनीति और नीति के मामले में प्रधानमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ झांकते हैं तो भविष्य के नेतृत्व के लिए किसी और की तरफ तांकते हैं।

प्रधानमंत्री का पद हंसी और व्यंग्य का सबब बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कमजोर होने के चलते सरकार को नीति निर्माण के मामले में लकवा मार गया है। इस सरकार की केवल एक ही उपलब्धि है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) का दुरूपयोग कर उसने चार साल पूरे कर लिये हैं।

उन्होंने कहा कि यदि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी का साथ नहीं होता तो यह सरकार कब की चली गई होती। दोनों नेताओं ने कहा कि इस सरकार के पास न राजनैतिक समर्थन बचा है और न ही नैतिक। भाजपा इसे उखाड़ फेंकने के लिए हर स्तर पर लड़ाई जारी रखेगी और 27 मई से 2 जून तक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जेल भरो आंदोलन में भाग लेकर इस सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल को और व्यापक बनाएगी।

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